भारतीय कि शिक्षा प्रणाली:

"शिक्षा एक ऐसा साधन है जो व्यक्ति को न केवल ज्ञान देता है, बल्कि उसे समाज में जागरूक और सक्षम बनाता है। भारत की शिक्षा प्रणाली प्राचीन गुरुकुलों से शुरू होकर आज डिजिटल क्लासरूम तक आ पहुंची है। इस ब्लॉग में हम इसका सफर समझेंगे।"

मेरा मानना है कि आज आधुनिक भारत में शिक्षा समान नहीं है ,यह मैं इसलिए कह रहा हूं क्योंकि भारत में जिनके पास पैसे नहीं हैं  उनको शिक्षा अच्छी नहीं मिल पाती। जैसें आप बताइए कि कोई व्यक्ति जिसकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है वह अच्छे कॉलेजों में कैसे पढ़ सकता है। मैंने यह खुद नोटिस किया है कि कुछ बच्चे बहुत होनहार होते हैं खासकर जो क्लास में टॉप करते हैं फिर भी उन्हें बिच में पढ़ाई छोड़नी पड़ती है।
आज भारत दुनिया का सबसे सम्पन्न देश होता अगर सबको समान शिक्षा मिलती। क्योंकी भारत में विश्व कि सबसे बड़ी जनसंख्या है। एसा नहीं है कि भारत सरकार शिक्षा व्यवस्था समान नहीं कर सकती । लोग इसकी मांग हि नहीं करते कि सरकारी स्कूलों में अच्छी शिक्षा करवाई जाये। कुछ लोग अपनी जिम्मेदारी भी नहीं निभाते जैसे सरकारी स्कूल के मास्टर, अगर वे अपनी जिम्मेदारी समझते तो कोई बच्चे प्राईवेट स्कूल में न जाते। शिक्षा हमें काबिल बनाती हैं पर सब को जब शिक्षा समान ही नहीं होगी तो देश कैसे आगे बढ़ेगा।


निष्कर्ष :यह कि भारत सरकार इसमें ध्यान दें जिससे हमारा देश महान बने । कुछ जिम्मेदारियां हमारी भी है जो बच्चे कि बिच में ही पढ़ाई छोड़वा देते हैं और टिंचर को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए।

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